गुरु शरण जो मिल गई होती लिरिक्स | Guru Sharan Jo Mil Gai Hoti Hai Lyrics
Guru Sharan Jo Mil Gai Hoti Hai Lyrics In Hindi
मुझे गुरुदेव के चरणों की,सेवा मिल गई होती,
भटकता यूं नहीं दर-दर,
शरण जो मिल गई होती,
मुझे गुरुदेव के चरणों की,
सेवा मिल गई होती ||
मुझे गुरुदेव के चरणों की ,
सेवा मिल गई होती,
भटकता यूं नहीं दर-दर,
शरण जो मिल गई होती,
मुझे गुरुदेव के चरणों की,
सेवा मिल गई होती ||
फंसा हूं मोह माया में,
तुम्ही आकर निकालो अब,
ज्ञान की जोत से गुरुवर,
तुम्ही मुझको निखारो अब,
मुझे भी आपकी थोड़ी,
दया जो मिल गई होती,
भटकता यूं नहीं दर-दर,
शरण जो मिल गई होती ||
मुझे गुरुदेव के चरणों की,
सेवा मिल गई होती,
जगत रिश्तो का बंधन है,
बड़ा गहरा समंदर है,
मुझे विश्वास है इतना,
गुरु करुणा के सागर है ||
बिखरता यूं नहीं जीवन,
प्रभु माला जपी होती,
भटकता यूं नहीं दर-दर,
शरण जो मिल गई होती,
मुझे गुरुदेव के चरणों की,
सेवा मिल गई होती ||