दुख नगरी से प्रीत लगाई लिरिक्स | Dukh Nagari Se Preet Lagai Lyrics

Dukh Nagari Se Preet Lagai Lyrics

Dukh Nagari Se Preet Lagai Lyrics In Hindi

दुख नगरी से प्रीत लगाई,
इसी से हरि सार ना मिले,
सतसंगति को बिसराई,
इसी से हरि सार ना मिले ||

दुख नगरी से प्रीत लगाई,
इसी से हरि सार ना मिले,
सतसंगति को बिसराई,
इसी से हरि सार ना मिले ||

भेज दिए हरि करन भजनिया,
भा गई वासना की रागनिया,
तूने दुनिया में पाप कमाई,
इसी से हरि सार ना मिले ||

झूठे रिश्तों में मन लागा,
अब भी सोया, तू नहीं जागा,
तूने हरि को नर बिसराई,
इसी से हरि सार ना मिले ||

देह मनुज का पाकर बन्दे,
प्रभु बिसार किया पाप के धन्धे,
देह मनुज का पाकर बन्दे,
प्रभु बिसार किया पाप के धन्धे ||

कांत जग से आसक्ति लगाई,
इसी से हरि सार ना मिले,
इसी से हरि सार ना मिले,
इसी से हरि सार ना मिले ||

इसी से हरि सार ना मिले,
इसी से हरि सार ना मिले,
इसी से हरि सार ना मिले,
इसी से हरि सार ना मिले ||

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