कॄपा दृष्टि भगवन दिखानी पड़ेगी लिरिक्स | Kripa Drishti Bhagwan Dikhani Padegi Lyrics
Kripa Drishti Bhagwan Dikhani Padegi Lyrics In Hindi
कृपा दृष्टि भगवन,दिखानी पड़ेगी,
कभी दिल में भक्तों के,
आकर तो देखो ||
विरह वेदना में,
कोई जल न जाए,
विरह अग्नि दिल से,
बुझाकर तो देखो,
कभी दिल में भक्तों के,
आकर तो देखो ||
कृपा दृष्टि भगवन,
दिखानी पड़ेगी,
कभी दिल में भक्तों के,
आकर तो देखो ||
विरह वेदना में,
कोई जल न जाए,
विरह अग्नि दिल से,
बुझाकर तो देखो,
कभी दिल में भक्तों के,
आकर तो देखो ||
झलक दिल में जबसे,
दिखाए हो कान्हा,
मुश्किल हुआ तब से,
जीवन बिताना ||
कभी मूर्ति दिल से,
हटाकर तो देखो,
कभी दिल में भक्तों के,
आकर तो देखो ||
बहुत हो चुका अब.
करो न किनारा,
हमें सिर्फ भगवन,
तेरा ही सहारा ||
अब पार नैया,
लगाकर तो देखो,
कभी दिल में भक्तों के,
आकर तो देखो ||
बड़ी मुद्दतों से,
जगत में हैं आए,
बिना दरश जीवन,
व्यर्थ ही गंवाए ||
तो 'गौतम' की बिगड़ी,
बनाकर तो देखो,
कभी दिल में भक्तों के,
आकर तो देखो ||
कृपा दृष्टि भगवन,
दिखानी पड़ेगी,
कभी दिल में भक्तों के,
आकर तो देखो ||
विरह वेदना में,
कोई जल न जाए,
विरह अग्नि दिल से,
बुझाकर तो देखो ||
कभी दिल में भक्तों के,
आकर तो देखो।।
कृपा दृष्टि भगवन,
दिखानी पड़ेगी,
कभी दिल में भक्तों के,
आकर तो देखो ||
विरह वेदना में,
कोई जल न जाए,
विरह अग्नि दिल से,
बुझाकर तो देखो,
कभी दिल में भक्तों के,
आकर तो देखो ||