राम नाम के साबुन से जो मन का मैल छुड़ाएगा लिरिक्स | Ram Naam Ke Sabun Se Jo Man Ka Mail Churayega Lyrics

Ram Naam Ke Sabun Se Jo Man Ka Mail Churayega Lyrics

Ram Naam Ke Sabun Se Jo Man Ka Mail Churayega Lyrics In Hindi

राम नाम के साबुन से जो,
मन का मेल भगाएगा,
निर्मल मन के शीशे में तू,
राम के दर्शन पाएगा ॥

राम नाम के साबुन से जो,
मन का मेल भगाएगा,
निर्मल मन के शीशे में तू,
राम के दर्शन पाएगा ॥

रोम रोम में राम है तेरे,
वो तो तुझसे दूर नही,
देख सके न आंखे उनको,
उन आंखों में नूर नही,
देखेगा तू मन मंदिर में,
ज्ञान की ज्योत जलाएगा,
निर्मल मन के शीशे में तू,
राम के दर्शन पाएगा ॥

राम नाम के साबुन से जो,
मन का मेल भगाएगा,
निर्मल मन के शीशे में तू,
राम के दर्शन पाएगा ॥

यह शरीर अभिमान है जिसका,
प्रभु कृपा से पाया है,
झूठे जग के बंधन में तूने,
इसको क्यो बिसराया है,
राम नाम का महामंत्र ये,
साथ तुम्हारे जाएगा,
निर्मल मन के शीशे में तू,
राम के दर्शन पाएगा ॥

राम नाम के साबुन से जो,
मन का मेल भगाएगा,
निर्मल मन के शीशे में तू,
राम के दर्शन पाएगा ॥

झूठ कपट निंदा को त्यागो,
हर इक से तुम प्यार करो,
घर आये मेहमान की सेवा से,
ना तुम इनकार करो,
पता नहीं किस रूप मे आकर,
नारायण मिल जाएगा,
निर्मल मन के शीशे में तू,
राम के दर्शन पाएगा ॥

राम नाम के साबुन से जो,
मन का मेल भगाएगा,
निर्मल मन के शीशे में तू,
राम के दर्शन पाएगा ॥

निष्फल सब भक्ति है तेरी,
मन में जब विश्वास नहीं,
मंजिल क्या पायेगा तू जब,
दीपक में ही प्रकाश नहीं,
राम नाम की लौ जगा,
भवसागर से तर जाएगा ॥

दौलत का अभिमान है झूठा,
ये तो आणि जानी है
राजा रंक अनेक हुए,
कितनो की सुनी कहानी है
राम नाम के महामंत्र ही,
साथ तुम्हारे जाएगा ॥

राम नाम के साबुन से जो,
मन का मेल भगाएगा,
निर्मल मन के शीशे में तू,
राम के दर्शन पाएगा ॥

राम नाम के साबुन से जो,
मन का मेल भगाएगा,
निर्मल मन के शीशे में तू,
राम के दर्शन पाएगा ॥

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